॥ हरे माधव दयाल की दया॥
प्रभात फेरी
प्रभात फेरी, सतगुरु साहिबान जी द्वारा बक्शी गयी वह सेवा है जिसमें सतगुरु सेवक एकत्रित हो अपने प्यारे सतगुरू की शान में रूहानी कारवां लेकर अपने नगर-थांव में फेरी लगाते हैं व समस्त जीवात्माओं को पूरण सतगुरू साधसंगत, नाम-बंदगी, सेवा चाकरी से जुड़ने के लिए प्रेरित करते हैं जिससे जीव को अपने आतम उत्थान की असल युक्ति मिले और रूह हरे माधव प्रभु में एक हो जाये।
सतगुरु साहिबान जी फरमाते हैं,
“काल के पसारे में फंस कर जीवात्मा अपने असल मार्ग से भटक गई है इसलिए प्रत्येक जीव को नितनियम से प्रातः काल सतगुरु नाम के सिमरन व सेवा से जुड़ अपने असली घर हरे माधव लोक, जो हमारे अंतर ही है, उसका फेरा लगाना चाहिए ।
प्रभात फेरी के लिए प्रातः काल का ही वक़्त इसलिए चुना जाता हैं क्योंकि इस वक़्त काल का प्रभाव कम रहता है जिससे जीव का मन सतगुरु बंदगी में सहजता से जुड़ता है और प्यारे सतगुरु की बरसती रहमत को अपने घट के पात्र में उस वक्त अधिक से अधिक जमा कर पाता है इसलिए कहा गया प्रभात फेरी।
हुज़ूर मालिकों के अवतरण दिवस पर आयोजित होने जा रही प्रभात फेरी, अंतर्मुखी प्रभात फेरी की ओर इशारा है ।
इस फेरी में एक-एक पग बढ़ाने से , अपने सतगुरु का नाम जपने, गुणगान करने से मन को परम तृप्ति, शाश्वत सुख का अनुभव होता है ।